Krishi Vigyan Kendra: KVK Pathalgaon, Jashpur
इस पोस्ट में हम कृषि विज्ञान केंद्र पत्थलगांव के बारे में जानेंगे। इसकी स्थिति, उद्देश्य, कार्य, महत्व, और उपलब्धियों के बारे में जानेंगे। हम यह भी जानेंगे की एक अनुसंधान संस्था होने के नाते क्षेत्रीय कृषि के विकास में इसकी क्या भूमिका है।
Know about KVK or Krishi Vigyan Kendra Pathalgaon, Jashpur, Chhattisgarh. This post describes about the general information of the KVK.

Contents |
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(1). Location |
(2). कृषि विज्ञान केंद्र पत्थलगांव |
(3). यहां कैसे पहुंचे? |
(1). Location of KVK Pathalgaon
Place: Dumarbahar, Pathalgoan, Jashpur, Chhattisgarh, India
Geo location:
See the location of this kvk in google earth.
Staff member(s)
Mr. Pradeep Kujur | Subject Matter Specialist |
(2). कृषि विज्ञान केंद्र पत्थलगांव
- उद्देश्य।
- महत्व।
- कृषि शिक्षा।
- किसानों हेतु सुविधा।
- तकनीकी प्रसार।
- योजनाओं का वितरण।
2.1: उद्देश्य
कृषि विज्ञान केंद्र पत्थलगांव का सीधा सम्बन्ध इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ की एक मात्र कृषि विश्वविद्यालय है, जो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एक स्वायत्त (autonomous) शिक्षण संस्थान है। इस तरह केवीके पत्थलगांव एक ऑटोनॉमस संस्था का हिस्सा है।
इस संस्था का मुख्य उद्देश्य नवीन तकनीकी के प्रचार के द्वारा स्थानीय कृषि में सुधार व विकास करना।
2.2: महत्व
- कृषकों को तकनीकी ज्ञान।
- कृषक प्रशिक्षण।
- कृषि में सुधार एवं विकास।
- कृषकों को प्रोत्साहन।
- नई दिशा।
कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ कृषि विषय विशेषज्ञ के द्वारा संबंधित विषय में कृषकों को तकनीकी ज्ञान के रूप में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है। समय समय पर आयोजित की जाने वाली ट्रेनिंग प्रोग्राम में कृषकों को शामिल कर उनके तकनीकी और वैज्ञानिक ज्ञान में वृद्धि की जाती है। यह ट्रेनिंग विषय विशेषज्ञ व कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा दी जाती है।
क्योंकि इस क्षेत्र के कृषक परंपरागत विधियों से ही खेती करते आ रहे हैं, इस लिए यह केंद्र उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का कार्य करती है। इन दिनों आप इस क्षेत्र में कृषि तकनीक में हुए सुधार को एक बड़े विकास के रूप में देखकर अनुभव कर सकते हैं।
इस तरह यह केंद्र कृषकों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इससे किसानों को कृषि व उद्यानिकी के क्षेत्र में नई दिशा में आगे बढ़ने का सुनियोजित मार्ग मिल रहा है। छोटे से लेकर बड़े, सभी कृषक उन्नति की ओर अग्रसर हैं।
2.3: कृषि शिक्षा
कृषि शिक्षा देश का आधार है और कृषि शिक्षा कृषि का आधार है, यह कृषकों का सबसे बड़ा हथियार है। शिक्षा प्राप्त करने के कुछ ही प्रमाणिक तरीके हैं, जैसे- पहला स्कूली और महाविद्यालयीन शिक्षा, और दूसरा प्रशिक्षण शिक्षा। इन क्षेत्रों के कृषकों में जरूरी शिक्षा का अभाव है, अतः इसमें सुधार की जरूरत है। इस क्षेत्र के विकास के लिए यह केंद्र कृषि शिक्षा विस्तार का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।
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2.4: किसानों हेतु सुविधा
- ट्रेनिंग की सुविधा।
- फसल प्रदर्शन।
- योजनाओं की सुविधा।
कृषि विज्ञान केंद्रों में कृषकों को प्रशिक्षण दी जाने की सुविधा होती है। ट्रेनिंग तो तरह की होती है, पहली केंद्र में प्रशिक्षण और दूसरी फील्ड में प्रशिक्षण। यह प्रशिक्षण नवीन तकनीकियों के प्रचार से संबंधित होती है। मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण, vermicompost निर्माण हेतु प्रशिक्षण, उद्यानिकी फसल उत्पादन प्रशिक्षण, इत्यादि शामिल हैं।
फसल प्रदर्शन के रूप में कृषकों को निःशुल्क रूप से सब्जियों की बीज उपलब्ध कराई जाती है। यह फसल किसानों स्वयं के खेत में लगाई जाती है। इसी तरह की अन्य कई योजनाएं होती हैं जो अनुदान पर भी आधारित होती हैं।
योजनाओं का लाभ लेने के लिए केंद्र का भ्रमण करना व अधिकारियों से संपर्क करना जरूरी है।
2.5: तकनीकी प्रसार
इसे कृषि प्रसार (agricultural extension) भी कहा जाता है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में प्रति वर्ष कई अनुसंधान कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। सफल अनुसंधान कार्यों के प्रसार का कार्य इन्ही केंद्रों पर होता है। इन्हीं अनुसंधानों के आधार पर ही योजनाओं की रूपरेखा भी तैयार की जाती है, तत्पश्चात उनका वितरण किया जाता है।
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(3). यहां कैसे पहुंचे?
पहुंच मार्ग 01: रायपुर से
बस | रात्रि बस, रायपुर से जशपुर वाला रात्रि बस |
ट्रैन | रायपुर से रायगढ़, फिर रायगढ़ से पत्थलगांव बस के द्वारा |
पहुंच मार्ग 02: जशपुर से
बस | क्षेत्रीय बस के द्वारा |
निजी वाहन | किसी भी तरह के निजी वाहन के द्वारा |
KVK Jashpur, कृषि विज्ञान केन्द्र जशपुर, उद्यान विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, रेशम विभाग, वन विज्ञान विभाग।