‘Narwa Garwa Ghurwa Badi’ or ‘Narwa Garwa Ghurwa Badi’ is the flagship scheme of the government of Chhattisgarh. It a scheme for farmers.
Schemes of Narwa Garwa Ghurwa Bari (Badi)
(1). Department of agriculture
- Vermicompost: Production of vermicompost.
- Fodder: Production of fodder crops.
- Distribution of crop seeds.
- MGNREGA works.
(2). Department of Horticulture
- Poshan Badi Yojana.
- Badi Vikas Yojana.
- Godhan Nyay Yojan.
- MGNREGA works.
Also read: Rashtriya Krishi Vikas Yojana
Poshan Badi Yojana
‘पोषण बाड़ी योजना’ गोठान योजना का एक हिस्सा है। यह छत्तीसगढ़ सरकार की गोठान योजना का अंग है जो स्वयं ‘नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना का अंश है।
पोषण बाड़ी योजना उद्यान विभाग से सम्बंधित छत्तीसगढ़ सरकार की एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना बाड़ी विकास योजना से मिलती जुलती है।
इस योजना के अंतर्गत सरकार के द्वारा किसानों को उनकी स्वंय की बाड़ी में सब्जी की फसल उगाने के लिये बीज प्रदाय की जाती है। यह बीज उन्हें निःशुल्क दी जाती है। बीज वितरण का कार्य सरकारी कर्मचारियों (ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी) के द्वारा की जाती है जो उद्यान विभाग से संबंधित होते हैं।
Also read: Harit Kranti Vistar Yojana
योजना का उद्देश्य
स्व-उत्पादित फसल का उपयोग: यह सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है। बाजारों या कही अन्य जगह से खरीदी गई सब्जियाँ महँगी होती हैं, अतः सरकार और स्थानीय प्रशासन का उद्देश्य है कि किसान स्वयं की खाली पड़ी जमीन (बाड़ी) में सब्जियों की फसल उगाएँ और ताजे रूप में इसका सेवन करें।
अतिरिक्त आय: सब्जी की फसल बाड़ी में उगाकर, स्वयं के उपयोग के पश्चात किसान शेष उत्पाद का विक्रय स्थानीय बाजारों में कर सकते हैं। इससे उन्हें अतिरिक्त आय की प्राप्ति होती है।
किस तरह जुड़ें योजना से?
इस योजना से जुड़ने के लिये उद्यान विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से संपर्क करने की आवश्यकता होती है।
योजना का लाभ लेने हेतु पात्रता
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास निम्न. पात्रता होनी चाहिए….
*स्वयं का जमीन होना।
*गोठान ग्राम का हिस्सा होना।
*सिंचाई का साधन उपलब्ध होना।
Also read: Backyard poultry garming scheme
Badi Vikas Yojana
‘बाड़ी विकास योजना’ या ‘Badi Vikas Yojana’ छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है, और इसे Flagship योजना के रूप में उद्यान विभाग के माध्यम से राज्य के समस्त किसानों के लिए लागू की गई है।
अन्य योजनाओं की तरह ही बाड़ी विकास योजना उद्यान विभाग की योजना है। पोषण बाड़ी योजना (Poshan Badi Yojana), इस योजना के अंतर्गत आने वाली एक लघु परन्तु बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है।
Also read: Pack house scheme Chhattisgarh
योजना हेतु किसान की पात्रता
इस योजना हेतु छत्तीसगढ़ के समस्त कृषक पात्र हैं। इनमें शामिल हैं-
- सीमान्त कृषक।
- लघु कृषक।
- दीर्घ कृषक।
योजना की प्रक्रिया
चरण 1. किसान का चयन
किसानों का चयन उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाती है। यह कार्य विशेष रूप से ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के द्वारा की जाती है।
ग्रामीण उद्यान उद्यान विस्तार अपने निर्धारित क्षेत्र के कृषकों के निजी बाड़ियों का निरीक्षण करते हैं। निरीक्षण के पश्चात उनके द्वारा किसानों चयनित किसानों को योजना में सम्मिलित किया जाता है।
Also read: Community fencing scheme
चरण 2. किसानों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित किया जाना?
बीज का वितरण
खरीफ: करेले का बीज, मिर्च का बीज, बैंगन का बीज, इत्यादि।
रबी: टमाटर का बीज, पत्ते गोभी का बीज, फूलगोभी का बीज,
जायद: कद्दू के बीज, करेले का बीज, लौकी का बीज इत्यादि।
फलदार पौधों का वितरण: फलदार पौधों में आम, लीची, कटहल, सीताफल, guava इत्यादि।
चरण 3. संबंधित किसान का मनरेगा Work Code जारी कराना
इस कार्य में निम्न. कर्मचारी शामिल होते हैं-
- ग्रामीण उद्यान विकास अधिकारी।
- रोजगार सहायक।
चरण 4. किसानों द्वारा अपने बाड़ी में काम किया जाना….
अब किसान के द्वारा अपनी ही बाड़ी में कार्य किया जाता है। इस कार्य में सभी सदस्य शामिल होते हैं।
सभी कार्य करने वाले सदस्यों का work code जारी किया जाता है, तथा प्रतदिन के हिसाब से मनरेगा में तय दर के अनुसार उन्हें पैसे का भुगतान किया जाता है।
Also read: Why farmers deserve pension
कार्य का निरीक्षण
बाड़ी विकास का कार्य सुचारू रूप से संचालित हो इसलिये समय – समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है।
अंत में कार्य पूर्णता का प्रमाणपत्र संबंधित विभाग के द्वारा जारी की जाती है।
Godhan Nyay Yojana
Contact: AVFO
‘गोधन न्याय योजना’ या ‘Godhan Nyay Yojana or also spelled as Godhan Nyaya Yojna’ छत्तीसगढ़ सरकार की नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना का एक महत्वपूर्ण अंग है। इस का सम्बंध पशुपालन या पशुधन विभाग से है, परन्तु इससे संबंधित नोडल विभाग कृषि विभाग है।
यह योजना छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के विकासखण्डों में लागू है। इस योजना के अंतर्गत सरकार के द्वारा संबंधित विभागों के माध्यम से गोबर की खरीदी की जाती है। यही है गोधन न्याय योजना।
सामान्य जानकारी
- खरीदी करने वाला: छत्तीसगढ़ सरकार (विभाग के माध्यम से।
- चरण: 2.
- बिक्री करने वाला: गाँव के कृषक।
- भुगतान: ऑनलाइन (Online)।
प्रक्रिया
खरीदी करने वाली टीम
(1). गोठान समिति के सदस्य।
(2). गोठान समिति का अध्यक्ष।
(3). गोठान के नोडल अधिकारी।
Also read: Top 10 farming business ideas
चयनित ग्राम में पहले से ही गोठान स्थापित होते हैं। इन गोठनों में रविवार और सरकारी अवकाशों को छोड़कर प्रत्येक दिन गोठान समिति के द्वारा किसानों से गोबर की खरीदी की जाती है।
किसान के द्वारा लाई जाने वाली आवश्यक जानकारी या दस्तावेज:
- आधार कार्ड।
- बैंक पासबुक।
- जमीन का पर्चा या B-1.
- मोबाइल नंबर।
अब नोडल अधिकारी इन दस्तावेजों के अनुसार ‘गोधन न्याय योजना एप्प (Godhan Nyay Yojana App)’ के द्वारा किसान का पंजीयन करते हैं, और किसान से गोबर खरीदी करते हैं।
कुछ दिनों के बाद किसान के खाते में ऑनलाइन भुगतान हो जाता है।
Also read: Low risk agribusiness
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 01. कौनसे किसान गोबर बिक्री कर सकते हैं?
उत्तर: सभी किसान गोबर बेंच सकते हैं।
प्रश्न 02. क्या जिनके पास गोधन नहीं है वे अन्यत्र जगह से गोबर इक्कठा कर गोबर बिक्री कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, जिनके पास गोधन नहीं है वे अन्यत्र जगह से गोबर इक्कठा कर गोबर बिक्री कर सकते हैं।
प्रश्न 03: क्या दूसरे ग्राम पंचायत के कृषक निकष्ठ गोठानों में गोबर बिक्री कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, दूसरे ग्राम पंचायत के कृषक निकष्ठ गोठानों में गोबर बिक्री नहीं कर सकते हैं?
प्रश्न 04. क्या गोबर बिक्री करने के लिए कृषक होना जरूरी है?
उत्तर: नहीं, गोबर बिक्री करने के लिए कृषक होना जरूरी नहीं है?
प्रश्न 05. किस दर पर की जाती है गोबर की खरीदी?
उत्तर: 2 रु. प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाती है।
प्रश्न 06: किस प्रकार के गोबर की खरीदी की जाती है?
उत्तर: कच्चे गोबर की खरीदी की जाती है।
(3). Department of Animal Husbandry
Vaccination programme.
Artificial insemination.
Distribution of fodder crop seeds.
(4). Department of Fisheries
Development of fisheries.
Detailed presentation require with photographs please
Thank you!
You will get it very soon.
Thank you!
Yes, but actually B.Sc. in agriculture is enough.