Tomato and brinjal grafting possible in open field

Is grafting possible in open field: Tomato and Chilli

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Japanese or tube grafting

Japanese grafting में 1.5 mm से 2.0 mm के grafting tube का उपयोग किया जाता है. इसमें slice या तिरछा cut वाला grafting किया जाता है. यह cut 45° के कोण पर होता है. यह vegetable grafting की advance तकनीक है, तथा बड़े स्तर पर अनुसरण किया जाता है. यह grafting की सबसे तेज विधि है. जब पौधे 45 दिन के हो जाते हैं या उनमें कम से कम 3 पत्ती आ जाते हैं तब यह विधि अपनायी जाती है.

समस्या

विधि से बहुत ही कम उम्र के पौधों में ग्राफ्टिंग की जाती है, ऐसे में पौधों कर मरने की समस्या बहुत ज्यादा होती है. ग्राफ्टिंग किये हुये पौधों को एक नियंत्रित वातावरण की जरुरत होती है. इसे हमें सूक्ष्म जलवायु कहते हैँ.

ग्राफ्टिंग के लिए 80% से ज्यादा नमी और 25°C से कम तापमान की जरुरत होती है. कम नमी और ज्यादा तापमान होने से scion बहुत जल्दी सुख जाता है. इसलिए हमें नियंत्रित जलवायु की आवश्यकता होती है.

Japanese या tube विधि का अनुसरण करने पर open field में ग्राफ्टिंग नहीं किया जा सकता है. इससे निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है:

  • वातावरण में नमी की मात्रा
  • अधिक तापमान
  • Scion का सुख जाना
  • Graft का मार जाना

क्या Japanese Tube विधि को अपनाकर open field में grafting कर सकते हैं?

Japanese Tube विधि को अपनाकर हम open field में टमाटर या बैंगन की grafting नहीं कर सकते हैं.

Cleft grafting

Cleft grafting में rootstock के बीच में एक लम्बवत cut देते हैँ. यह चीरा V आकार का होता है. Grafting की इस विधि में rootstock और scion का एक समान होना जरुरी नहीं है. Vegetable grafting में Japanese method के बाद अपनाई जाने वाली यह एक महत्वपूर्ण विधि है.

Japanese tube विधि के समान ही grafting की इस विधि में भी पौधों की उम्र कम होती है. Scion को काटने के बाद ही rootstock में जोड़ा जाता है, और यही कारण है कि scion के सूखने की संभावना बनी रहती है.

एक healing chamber के बिना इस विधि से grafting करने में समस्या होती है.

अतः cleft grafting का अनुसरण करने पर हम open field में vegetable grafting नहीं कर सकते हैं.

Inarching or approach grafting in brinjal, tomato and chilli

Grafting की इस विधि में scion को mother plant से अलग किये बिना ही rootstock में graft कर दिया जाता है. Grafting करने के बाद भी rootstock और scion स्वयं में एक स्वतंत्र plant होते हैं. जिस जगह पर rootstock और scion एक दूसरे से जुड़े होते हैं वहाँ healing की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद scion के नीचे वाले भाग तथा rootstock के ऊपर वाले भाग को काट दिया जाता है, और इस प्रकार से एक नया पौधा बन जाता है.

क्या inarching या approach grafting को अपनाकर open field में grafting कर सकते हैं?

क्योंकि इस विधि में rootstock और scion के भाग graft किये हुए जगह के घाव भरने तक अपने मातृ पौधे से लगे होते हैं, अतः इस विधि से बिना healing chamber के ही open field में टमाटर, बैंगन और मिर्च की ग्राफ्टिंग कर सकते हैं.

Conclusion

Japanese tube grafting: Open field में vegetable ग्राफ्टिंग संभव नहीं होता है.
Cleft grafting: Open field में vegetable ग्राफ्टिंग संभव नहीं होता है.
Inarching और approach grafting: Open field में vegetable ग्राफ्टिंग संभव होता है.

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